Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरे के लाल निशान पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार चला गया। इस स्तर को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरे के लाल निशान पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार चला गया। इस स्तर को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। सीपीसीबी द्वारा निर्धारित कलर कोडिंग के अंतर्गत इसे लाल रंग से प्रदर्शित किया जाता है। लगभग चार महीने बाद दिल्ली में प्रदूषण इस स्तर पर पहुंचा है।
दिल्ली के लोग दशहरे के बाद से ही प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं, लेकिन सोमवार को प्रदूषण का स्तर और घातक हो गया। वायु गुणवत्ता मानकों के मुताबिक, 201 से 300 तक के सूचकांक को खराब श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 301 से 400 तक के सूचकांक को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। सोमवार को दिल्ली में बेहद खराब श्रेणी वाले दिनों की शुरुआत हो गई। सीपीसीबी के अनुसार, औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 310 के अंक पर रहा। राजधानी के ज्यादातर इलाकों का सूचकांक 300 से ऊपर है।
अगर सीपीसीबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो इससे पहले 19 जून को वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 के अंक पर पहुंचा था। यानी मानसून के आने से पहले हवा में प्रदूषण का यह स्तर रहा था। सर्दी के सीजन का यह पहला दिन है, जब वायु गुणवत्ता लाल निशान पर पहुंची है। एक दिन पहले रविवार को दिल्ली का औसत सूचकांक 277 के अंक पर रहा था। यानी 24 घंटे के भीतर 33 अंकों की बढ़ोतरी हुई है।
हवा में दोगुना से ज्यादा प्रदूषक
सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से नीचे और पीएम 2.5 का स्तर 60 से नीचे होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में सोमवार को दोपहर बाद तीन बजे पीएम 10 का स्तर 232 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 122 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। यानी दिल्ली की हवा में मानकों से लगभग सवा दोगुना प्रदूषण मौजूद है।
पटाखे-आतिशबाजी पर नहीं दिख रहा प्रतिबंधों का असर
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए पटाखों की खरीद-बिक्री, भंडारण, इस्तेमाल आदि पर रोक लगी हुई है। इसके बावजूद पटाखे-आतिशबाजी का प्रयोग लगातार प्रयोग हो रहा है।
सबसे खराब रही यहां की हवा
आनंद विहार 359
आरकेपुरम 349
शादीपुर 349
वजीरपुर 348
मौसम के तीन कारक
1. मॉनसून की वापसी के बाद हवा की गति धीमी होने से प्रदूषक कण ज्यादा देर तक वायुमंडल में टिकते हैं
2. ठंड में प्रदूषक जम जाते हैं
3. हवा की दिशा उत्तरी-पश्चिमी होने से पराली का धुआं आता है
ग्रैप के दूसरा चरण में क्या-क्या होगी सख्तियां
यातायात
● सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या को सीमित करने के लिए पार्किंग दरों में इजाफा किया जाएगा
● सार्वजनिक परिवहन में सुधार। सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की संख्या और आवृत्ति में बढ़ोतरी
● सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव। चिह्नित सड़कों पर प्रतिदिन मैकेनिकल-वैक्यूम स्पीपिंग व पानी का छिड़काव
● यातायात के सुचारू संचालन के लिए प्रमुख चौराहों और यातायात जाम वाले स्थलों पर पर्याप्त कर्मियों की तैनाती की जाए
● हॉटस्पॉट वाले स्थलों, भारी यातायात वाली जगहों आदि में पानी का छिड़काव
निर्माण स्थल
● निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों की कड़ी निगरानी हो। धूल नियंत्रण उपायों की कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए
● हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में ध्यान के्िद्ररत। पूरे एनसीआर में हाट स्पाट स्थलों पर विशेष अभियान
● डीजल जेनरेट सेट पर प्रतिबंध। प्राकृतिक गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जेनरेटर चल सकेंगे। 800 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले केवल रेट्रोफिटिंग जेनरेटर ही चल सकेंगे। आवश्यक सेवाओं में इससे छूट रहेगी
● जेनरेटर या बिजली के दूसरे साधनों का इस्तेमाल रोकने के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाए
जागरुकता अभियान
● लोगों को प्रदूषण के बारे में सूचित करने और जागरुक करने के लिए तमाम माध्यमों का प्रयोग किया जाए
● आरडब्लूए द्वारा सुरक्षा कर्मियों को हीटर प्रदान किया जाएगा, ताकि वे सर्दियों से बचने के लिए बायोमास या ठोस कचरे को बचाने से बचें
सिटीजन चार्टर जारी
● लोग अपने वाहनों का इस्तेमाल कम करके सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें
● भले ही थोड़ा लंबा हो, लेकिन कम भीड़भाड़ वाला मार्ग चुने जाने चाहिए
● अपने वाहन में नियमित अंतराल के बाद एयर फिल्टर को जरूर बदलें