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अमेजॉन की जनजाति पर इंटरनेट का असर, शिकार छोड़कर फोन चलाते रहते हैं लोग


इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी को अच्छे और बुरे दोनों ही तरीकों से प्रभावित किया है। दूरस्थ अमेजॉन के जंगलों में रहने वाली जनजाति भी इसके प्रभाव से अपने आप को अछूता नहीं रख पाई है। अमेजॉन की मरूबो जनजाति के लोग पिछले दशक तक आधुनिक दुनिया से पूरी तरह से दूर रहते थे लेकिन पिछले कुछ समय में इंटरनेट ने उनकी दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है। जंगलों में बहुत अंदर बसे होने के कारण 2023 तक इनके पास मोबाइल फोन तो थे लेकिन लेकिन नेटवर्क ना होने की वजह से वह आधुनिक तकनीकि से अधिक प्रभावित नहीं थे। लेकिन फिर एलन मस्क ने इस क्षेत्र में अपने सैटेलाइट इंटरनेट स्टारलिंक को लॉन्च करके पूरी कहानी पलट दी।

मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक ने इस जनजाति के गांव में कुछ एंटीना लगाए और अमेजॉन वर्षावनों की गहराई में रहने वाली मोरुबो जनजाति तक भी इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित कर दी। सितंबर 2023 में इंटरनेट की पहुंच के बाद इस जनजाति के लोगों के जीवन में बहुत ही तेजी से बदल गया। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच रिपोर्ट में इस गांव के बदले हुए हालातों को बताया गया है।

2023 तक फोन थे, लेकिन इंटरनेट नहीं था

रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव में लोगों के पास पहले से फोन थे लेकिन इंटरनेट ना होने की वजह से वह इनका उपयोग केवल फोटो खींचने और कभी-कभार बात करने के लिए करते थे लेकिन जब स्टारलिंक यहां आया तो जिंदगी बदल गई। त्साइनमा मोरूबो ने टाइम्स को बताया कि हमारी जनजाति में पहले लोग बहुत खुश रहते थे। अब वह दिन भर अपना काम काज छोड़कर मोबाइल फोन पर ही लगे रहते हैं। हमारे युवा जिन्हें काम करना चाहिए, वह इंटरनेट की वजह से आलसी हो रहे हैं। वे गोरे लोगों के तौर-तरीके सीख रहे हैं और लगातार अपनी जड़ों से कट रहे हैं। जनजाति के नेता अल्फ्रेडो मारुबो ने कहा कि युवा लोग अपने फोनों में अश्लील वीडियो देख रहे हैं

वहां पर लोग अपने फोन्स को चलाते हुए दिख रहे थे। कई लोग वहां पर नेमार जूनियर की वीडियो को भी देखते हुए मिले। वहां के आम लोगों के मुताबिक इंटरनेट से युवाओं और बच्चों की जीवनशैली में बदलाव हुए हैं और यह हमारी जनजाति के लिए खतरा है, इंटरनेट के आ जाने के बाद से युवाओं का मन ना तो खेती में ही लगता है और ना ही शिकार में।

जनजाति के लोगों ने बनवाए हैं कुछ नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक, भले ही इंटरनेट जनजातिय लोगों के लिए कई मददों के साथ आया है लेकिन इसके कई दुरुपयोग भी हैं। इस कारण से कंपनी की तरफ दिन के कुछ घंटों के लिए इंटरनेट को बंद कर दिया जाता है। जनजाति के नेताओं ने बताया कि कई बार इंटरनेट की वजह से हमारे लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं भी सामने आती हैं, उनको गलत सूचना दे दी जाती है। वह लगतार अश्लील वीडियो और हिंसक वीडियो गेम देख रहे हैं। युवा अपनी जनजाति जिंदगी से ज्यादा बाहर की जिंदगी में अपना आनंद खोज रहे हैं। वे जंगल छोड़ रहे हैं। इससे सबसे बड़ा खतरा हमारी संस्कृति के ऊपर ही है।

इंटरनेट चाहिए लेकिन सीमित मात्रा में- मोरुबो

जनजाति के नेता त्सैनामा मोरुबो ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि इंटरनेट की पहुंच को खत्म कर दिया जाए। क्योंकि इंटरनेट की ही मदद से हमारे साथियों की जान भी बच पाई है। हम जब भी कोई परेशानी में होते हैं तो हमें इंटरनेट काफी मदद भी करता है।



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